अयोध्या में दीपावली: 24 घाट पर जलेंगे छह लाख दीये, बनेगा विश्व रिकॉर्ड
– राम लला की नगरी अयोध्या में अभी से दिखने लगी है भव्य दीपावली की झलक, सीएम योगी ने कराई है भव्य तैयारी
– 500 साल बाद अयोध्या में दिखेगी अनोखी छटा, पधारेंगे श्रीराम, भव्य होगी दीपावली, त्रेता युग की दिखेगी झलक
बस्ती। 14 नवंबर को पूरे देश में दीपावली मनाई जाएगी। लेकिन इस बार रौनक ऐसी होगी कि जो शायद पांच सौ पहले की याद दिलाएगी। वैसे तो पिछले की तरह साल भी अयोध्या दीपों की रोशनी से जगमगाएगी, लेकिन इस बार यह नजारा विश्व रिकॉर्ड भी बनाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से इस बार दीपावाली को और भव्य और खास बनाने की तैयारी हो चुकी है। यही वजह है कई महीनों पहले से ही प्रशासन और बाकि लोग इसकी तैयारी में जुट गए हैं ताकि आने वाली अयोध्या की दिवाली बेहद खास हो और इस जश्न में हर कोई हिस्सा ले सके इसकी भी तैयारी की जा रही है। भगवान राम की नगरी अयोध्या में इस बार दीपावाली इसलिए खास है, क्योंकि सरकार ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी कर ली है। इस बार दीपोत्सव पर रामनगरी अयोध्या करीब 6 लाख दीपों से जगमगाएगी और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अयोध्या अपना नाम दर्ज कराएगा।
पिछले साल की तरह इस साल भी भगवान राम की नगरी दीपक से रोशन होगी और 24 घाटों पर दीप जलाए जाएंगे और इसके लिए अवध विश्वविद्यालय के छात्रों समेत 10,000 वॉलंटियर तैनात किए जा रहे हैं। इस मौके पर रामलला के अस्थाई मंदिर में विशेष पूजा अर्चना होगी। इस बार भी राम की पैड़ी में नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है और इसके लिए पूरे अयोध्या में 5 लाख 51 हजार दीये जलाए जाएंगे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 13 नवंबर को अयोध्या में मौजूद रहेंगे।
12-16 नवंबर तक मनेगा दीपोत्सव
इस साल दीपावली का आयोजन 12 से 16 नवंबर तक किया जाएगा। बता दें कि पिछले साल भी अयोध्या की दीपावाली बेहद खास रही थी और लाखों दिए सरयू के तट पर एक साथ जगमगाए थे। इस बार दिवाली इसलिए खास रहेगी क्योंकि दीपावली पर रामलला परिसर में मनाई जाएगी और यह इस बार त्रेता युग में मनाई जाएगी जिसकी झलक भी लोगों के सामने रखी जाएगी।
कोरोना के प्रोटोकॉल होंगे फॉलो
कोरोना का वक्त है ऐसे में अयोध्या में दीपावाली भी कोरोना के प्रोटोकॉल को तहत मनाई जाएगी। सरकार की तरफ से आयोजित सारे आयोजनों को बेहद ध्यानपूर्वक किया जा रहा है। दीपोत्सव में शारीरीक दूरी के साथ कितने लोग शामिल हो सकते हैं, उनसे भी आधी संख्या में लोगों को दीपोत्सव में शामिल होने के लिए पास जारी किया जाएगा। राम की पैड़ी में सभी 16 प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्कैनिंग प्वाइंट होंगे, जहां मशीन से चिकित्सक सभी प्रवेशार्थियों का तापमान लेंगे।
दिव्य दीपोत्सव पर रामनगरी में सदियों बाद त्रेतायुग जैसी भव्यता और उल्लास जीवंत होती दिख रही है। लंका विजय कर घर लौटे प्रभु राम के आगमन की खुशी में जलाई गई दीपों की माला और घर-घर हुई सजावट ने विश्व को दिवाली जैसा पावन पर्व दिया था। इस बार श्रीराम की जन्मभूमि पर सदियों की प्रतीक्षा के बाद शुरू हुए भव्य राममंदिर निर्माण ने बुधवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय दिव्य दीपोत्सव की खुशी को अनंत गुना बढ़ा दिया है।
रामायण के दृश्यों के जरिए सबमें राम-सबके राम की अनुपम झलक कार्यक्रम स्थलों, सरयू के घाटों से लेकर सड़कें-गलियां, मठ-मंदिरों समेत 16 प्रवेश द्वारों की दिव्यता बढ़ा रही है। दीपोत्सव को लेकर समूचे विश्व में रामभक्तों का उल्लास देखने लायक है।
रामलला के दरबार में वर्चुअल दीप जलाने का प्लेटफार्म जन-जन के लिए उपलब्ध कराया है। तीन दिन तक चलने वाले इस आयोजन में 13 नवंबर को सीएम योगी समेत राज्यपाल एवं कई मंत्री शिरकत करेंगे। इस दौरान पूरे रामनगरी में करीब दस लाख दीप जलाए जाएंगे। अकेले राम की पैड़ी पर ही छह लाख दीप जलाने की तैयारी है, जिसके जरिए यह सुनिश्चित करना है कि हर हाल में 40 मिनट के भीतर 5.51 लाख दीप जल जाएं और पांच मिनट तक लगातार जलते रहें, ताकि गिनीज बुक में नया रिकॉर्ड दर्ज हो।
हाईवे व साकेत कॉलेज से राम की पैड़ी तक कुल 16 प्रवेश द्वार बनाकर भव्य सजावट मन मोह रही है। जबकि राम की पैड़ी से रामकथा पार्क तक रामायण पर आधारित 20 तोरण द्वार बनाए जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक कलश, दीप, झालर लाइटिंग के माध्यम से संपूर्ण रामनगरी को रोशन करने की तैयारी की गई है। सरयू पुल पर भी भव्य सजावट के लिए विद्युत झालरें लगाईं जा रही हैं। राम की पैड़ी में भव्य लेजर शो होगा।
राम की पैड़ी पर दीप जलाने का ले आउट तैयार किया जा चुका है। इस बार राम की पैड़ी दो गुना विस्तारित हो चुकी है इसलिए दीपोत्सव की छटा भी भव्य नजर आएगी। इस बार लेजर शो के जरिए आतिशबाजी नया कार्यक्रम होगा। लेजर के जरिए दीपोत्सव के समय आतिशबाजी की जाएगी। शाम होते ही एक रंग में रंगे पैड़ी परिसर स्थित मठ-मंदिर व भवनों की लाइटिंग समारोह का आकर्षण बढ़ाएगी। सरयू तट पर रामायण आधारित प्रवेश द्वार सजाए गए हैं।
रामकथा पार्क में राम दरबार जैसा दृश्य सजाया गया है। चौधरी चरण सिंह घाट पर पुष्पक विमान (हेलीकाप्टर) से उतरकर जिस मार्ग से भगवान राम-सीता व लक्ष्मण को राम दरबार तक पहुंचना है, उस मार्ग के दोनों तरफ तोरण द्वार और विशेष सजावट की जा रही है।
रामकथा पार्क में अतिथियों के लिए अलग व संत-धर्माचार्यों के लिए एक ऊंचा मंच बनाया गया है। साकेत कॉलेज में से निकलने वाले रामादल की झांकी में देश के विभिन्न राज्यों से 300 कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। इस बार की तैयारी पिछले तीन दीपोत्सव से कई गुना अधिक नजर आ रही है।
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