करवाचौथ व्रत की पूजा और कथा जानिए हमारे साथ
पंडित देवस्य मिश्र ज्योतिषाचार्य बस्ती उत्तर प्रदेश
संपर्क सूत्र नंबर.9628203064.8948895542
कार्तिक कृष्ण पक्ष में नवरात्रि और शरद पूर्णिमा के बाद आने वालों में व्रतों में करवा चौथ और अहोई अष्टमी का व्रत प्रमुख व्रत हैं। करवा चौथ के व्रत महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। इस दिन महिलाएं अपनी पति लंबी आयु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती है। इस दिन पौराणिक रीति रिवाज के साथ उपवास जाता है। कहीं-कहीं इस दिन सुबह सर्योदय से पहले सरगी खाने की भी परंपरा है। सरगी सुबह सवेरे खा ली जाती है। इसके बाद व्रत की कथा पढ़ी जाती है और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है।
कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को पड़ने वाला संकष्ठी श्री गणेश करक चतुर्थी व्रत ,जिसे करवा चौथ व्रत भी कहा जाता है। इस वर्ष 4 नवम्बर 2020 दिन बुधवार को होगा। पति की दीर्घायुष्य, यश-कीर्ति और सौभाग्य वृद्धि के निम्मित किया जाने वाला यह कठीन एवं प्रसिद्ध व्रत 4 नवंबर दिन बुधवार को रहेंगी।
काशी में या आसपास में चंद्रोदय समय रात में लगभग 7:57 बजे होगा । इसके बाद नंगी आंखों से चंद्रमा दिखाई पड़ने पर अर्घ्य देकर परम्परागत तरीके से इस व्रत पर्व को मनाया जाता है। 4 नवंबर को शाम 05 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त है।
चंद्रोदय : रात 7:57 बजे होगा
शाम 05 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक
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