डेंगू से बचाव हेतु पौष्टिक आहार लेने के साथ जलजमाव की करें रोकथाम – डॉ दीपक सिंह
लखनऊ। कोरोना का कहर अभी थमा भी नही था कि डेंगू ने अपनी दस्तक दे दी है। राजधानी लखनऊ में डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियो को अलर्ट पर रहने के निर्देश दे दिए गए है।
आरोग्य भारती के प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं होम्योपैथी चिकित्सा विकास महासंघ के राष्ट्रीय सचिव डॉ दीपक सिंह ने बताया है कि डेंगू ऐडीज नामक मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर प्रायः दिन में काटते है। घरों के आसपास जलजमाव एवं गन्दगी के कारण ऐडीज मच्छर की संख्या में लगातार बृद्धि होती है। डेंगू मच्छर का फैलाव न हो इसके लिए घरों के आसपास जलजमाव न होने दें। घरों में रखे गमले एवं कूलर में पानी जमा न होने दें। साफ सफाई का विशेष ध्यान दे। डेंगू में प्रारम्भिक लक्षण सर में दर्द, तेज बुखार, शरीर मे दर्द, उल्टी, शरीर पर लाल चक्कते आदि लक्षण हो सकते हैं। ड़ेंगू में प्लेटलेट्स में तेजी से गिरावट होती है। जिसके चलते प्रतिवर्ष हजारो लोगो की मौत हो जाती है। इसके बचाव हेतु व्यक्ति को रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखनी चाहिए। इसके लिए नियमित रूप से दूध में हल्दी, विटामिन सी, सलाद, हरी सब्जियों आदि का सेवन एवं स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाते हुए नियमित रूप से योग प्राणायाम करना चाहिए।
डॉ दीपक सिंह कहते है कि होम्योपैथी में लक्षणों के आधार पर डेंगू का उपचार यूपीटोरियम 200, जेल्सीमियम 30, बेलाडोना 30, रस टॉक्स 30, चाइना 30, कारिका पापाया Q आदि दवाइयों से किया जाता है।
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