विचार गोष्ठी, काव्य गोष्ठी में डा. वी.के. वर्मा को भारतेन्दु हरिश्चन्द्र सम्मान
बस्ती । हिन्दी दिवस पखवारे की कड़ी में शव्द सुमन द्वारा प्रेस क्लब में शारीरिक दूरी का पालन करते हुये विचार गोष्ठी, काव्य गोष्ठी का आयोजन डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ के संचालन में किया गया। इस अवसर पर हिन्दी की सेवा के लिये साहित्यकार एवं चिकित्सक डा. वी.के. वर्मा को भारतेन्दु हरिश्चन्द्र सम्मान से सम्मानित किया गया।
डा. वी.के. वर्मा की रचना‘ भू-पर बीज खुशी का बोओ, कभी न वर्मा धीरज खोवो, आंच न आ सकती हिन्दी पर, मत हिन्दी का रोना रोओ’ को श्रोताओं ने सराहा। डा. वर्मा ने कहा कि हिन्दी अब विश्वव्यापी हो गई है, वह रोजी रोटी की भाषा बनकर और समृद्ध हो रही है।
इसी क्रम में प्रधानाचार्य श्रीमती नीलम सिंह, सोनिया, अनुरोध श्रीवास्तव, कुंवर राजेश प्रताप सिंह, वृहस्पति पाण्डेय आदि को हिन्दी के क्षेत्र में योगदान के लिये सम्मानित किया गया। अध्यक्षता प्रकाश चन्द्र गुप्ता ने किया।
काव्य गोष्ठी में डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’, विनोद उपाध्याय, अनुरोध श्रीवास्तव, अजीत श्रीवास्तव ‘राज’ श्रीमती नीलम सिंह, सोनियां, जितेन्द्र कौशल सिंह, पुनीत ओझा आदि की कवितायें सराही गईं।
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