ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे! यहां परिवार के जैसे रहता है भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर
दुबौलिया, बस्ती। बात जब प्यार की आती है तो इंसान हो या पशु-पक्षी सब प्रेम की ओर खिंचे चले आते हैं। यह कहावत प्रत्यक्ष में दिखाई दे रहा है बस्ती जिले के दुबौलिया विकास क्षेत्र में जहां एक राष्ट्रीय पक्षी मोर परिषदीय स्कूल में परिवार की तरह रहते है, उनके साथ खाता-पीता भी है। राष्ट्रीय पक्षी मोर का एक शिक्षक के प्रति यह प्रेम हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग शिक्षक व राष्ट्रीय पक्षी मोर के आपसी प्रेम को कैमरे में कैद कर रहे हैं।
दरअसल बस्ती जिले में मनुष्य एवं राष्ट्रीय पक्षी मोर की प्रेम की कहानी देखने को मिली है। राष्ट्रीय पक्षी मोर निडर होकर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक कक्ष में मेज पर जा बैठा प्रधानाध्यापक अपने काम को निपटने में जुटे रहे। बच्चों के शोरगुल के बाद भी मोर निडर होकर बैठ रहा। इसके बाद बच्चों द्वारा से चारा दिया गया। राष्ट्रीय पक्षी मोर इतिमिनान से बैठकर के चारे को चुनुता हुआ दिखाई दिया। देखने से लगता है राष्ट्रीय पक्षी मोर का मनुष्य से काफी प्रेम है वह लोगों के बीच में घुल मिलकर रहता है।
जिले के दुबौलिया विकास खंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत पूरेओरीराय गांव में राष्ट्रीय पक्षी मोर आबादी के बीच में रहता है। दिन डूबने के बाद मोहम्मद इद्रीश सिद्दीकी के घर के पीछे एक पेड़ के ऊपर बैठ जाता है। सुबह होते ही मोर का जोड़ा आबादी के बीच में आ जाता है। बच्चे व बुजुर्ग उसे अपने हाथों से दान देते हैं। मोर का जोड़ा हाथों से दान चुगता है और बच्चों के साथ खेलता रहता है। लोगों ने बताया मोर के जोड़े का बच्चों से एवं गांव के लोगों से कितना प्रेम है दिनभर घर में इधर-उधर घूमता रहता है दाना दाने को चुगता रहता है। खेतों में कार्य करने वाले लोगों के पास पहुंच जाता है और उनके कंधों पर भी बैठ लेता है। मोर के जोड़े को मनुष्य कोई खतरा नहीं लगता।
मोर घूमते टहलते गांव की प्राथमिक विद्यालय पूरेओरी राय में भी कभी-कभार पहुंच जाता है। बच्चों के भोजन के के समय बैठा रहता है। विद्यालय की प्रधानाध्यापक आज्ञाराम यादव ने बताया मोर घूमते टहलते कभी कभार विद्यालय में पहुंच जाता है और निडर होकर बैठ जाता है। विद्यालय की मेज पर बैठा रहता है उसे कुछ भोजन के रूप में मिल जाता है। इसके बाद आसानी से वह निकल जाता है। मोर का बच्चों एवं बुजुर्गों से काफी प्रेम है। पक्षियों से अगर प्रेम किया जाए तो निश्चित तौर पर पशु पक्षी भी मनुष्य प्रेम करते हैं और उन्हीं के बीच में रहना पसंद करते हैं।
मोहम्मद इद्रीश सिद्दीकी बताते हैं कि मोर का जोड़ा 2 वर्षों से हमारे घर के हर कमरों में घूमता है। शाम को हमारे घर के पीछे पेड़ पर जाकर बैठ जाता है। गांव के कुत्ते एवं बिल्ली से उसे कोई खतरा नहीं है। मोर के जोड़ों को गांव में किसी प्रकार का कोई भय नहीं है आसानी से बच्चों के साथ खेलते रहते हैं। गांव के लोगों के साथ भी आते जाते हैं। बच्चों के साथ दौड़ भी लगते हैं। लगता है इस मोर की जोड़ें का हम लोगों से काफी लगाव है। राहगीर भी इस मोर के जोड़े का लगाओ देख करके ताजुब लगता है। आखिर मोर का मनुष्य इतना प्रेम क्यों है। वही विद्यालय के बच्चे भोजन करते समय मोर भी उनके बीच में पहुंचकर दाने को चुगने लगता है। यह तस्वीर देखकर हर कोई सोने पर मजबूर हो जाता है।