आंख नाक कान गला जांच करेंगी आशा, जल्द होंगी प्रशिक्षित
गोरखपुर से प्रशिक्षण लेकर लौटा प्रशिक्षक दल
बहादुरपुर, बस्ती। सरकार ने गैर संचारी रोगों की रोकथाम के लिए कमर कस लिया है। तीस वर्ष से ऊपर के आयु वर्ग के लोगों की जांच व संदर्भन सही समय पर करने के लिए चरणबद्ध ढंग से जांच व स्क्रीनिंग की शुरुआत की जा चुकी है। हालांकि पूर्व में आशाओं को पांच वर्ष तक के बच्चों का परीक्षण करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए सभी आयु वर्ग के लोगों के आंख, नाक, कान गला की जांच करने के लिए आशाओं का कौशल बढ़ाने के लिए जल्द ही 14 दिवसीय प्रशिक्षण तीन चरणों में शुरू किया जाएगा।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरपुर पर तैनात बीसीपीएम व आशा नोडल अधिकारी शिव भूषण श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण के बाद बताया कि मुख का कैंसर भयावह होता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली आबादी में से 40 से 45 प्रतिशत आबादी दंतक्षय से पीड़ित है। जबकि प्रति एक लाख आबादी पर 12 से अधिक लोगों को मुख का कैंसर है। कहा कि कान, नाक व गला शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जो आंतरिक शरीर से जुड़ता है। नाक व गले के क्षेत्र में खतरनाक संक्रमण कैंसर का कारण भी बन सकती है। आशा समुदाय के सबसे करीब रहती है। इसलिए सरकार की मंशा है कि आशा रोगियों की पहचान करे तथा आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर स्क्रीनिंग, रेफरल, निगरानी में अपनी अग्रणी भूमिका निभाए। आशाओं को आपातकालीन स्थिति विशेषकर सड़क दुर्घटना, आग व आकाशीय बिजली से जलने, जीव जंतुओं द्वारा काटा जाना, जहर, डूबना, दम घुटना तथा तापमान संबंधी बीमारियों के रोकथाम हेतु कौशल बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर की बढ़ेगी जिम्मेदारी
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरपुर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर पवन वर्मा ने बताया कि जनपद से निर्देश मिलते ही प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाएगा।आशाओं के प्रशिक्षण के बाद आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर संदर्भन व स्क्रीनिंग का कार्य तेजी से बढ़ेगा। इसके लिए वहां पर तैनात सीएचओ को अपनी भूमिका को सुदृढ़ करना होगा। जिससे आम जन मानस को इसका सीधा लाभ मिल सकेगा। सरकार की मंशा है कि केवल गंभीर प्रकृति के रोगी ही सामुदायिक व जिला चिकित्सालयों पर रेफर किए जाएं।